Wednesday 14 September 2016

पर्यटन उद्योग से अब नई पहचान की और आगे बढ़ेगा हरियाणा

हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिला के नारनौल स्थित जलमहल आज भी
देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। 
रियाणा में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने के राज्य सरकार के फैसले का जितना स्वागत किया जाए, वह कम है। निश्चित रूप से इस फैसले से देश-विदेश के लोगों को प्रदेश की तमाम चीज़ों से जुड़ने का जहां अवसर मिलेगा वहीँ, रोज़गार के क्षेत्र में युवाओं को सबसे अधिक फायदा पहुंचेगा और उन लोगों को भी जो प्रदेश की भाषा, कला-संस्कृति, खानपान, बोलचाल, पर्यटन, प्राकृतिक और पौराण्विक महत्व के स्थलों की प्रामाणिक जानकारी रखते हैं। राज्य सरकार के इस फैंसले से हरियाणा अब पर्यटन के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अपनी नई पहचान बनाने में भी आगे आएगा, जिसकी की लंबे समय से प्रतीक्षा की जा रही थी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा देकर बदलते और आगे बढ़ते हरियाणा को एक नई ताकत देने का काम किया है। नई दिशा देने का काम किया है।  इससे प्रदेश के वे सभी मेले, तीज-त्योहार, जो हमारी आस्था और परम्पराओं से जुड़े हुए हैं अब मुख्यधारा में आ सकेंगे। ऐसे सभी मेले, तीज-त्योहार जो छोटे हो या बड़े या किसी भी समाज के हों उन्हें समूचे हरियाणा के तीज, मेले, त्योहार किस प्रकार बनाए जाएं और उन्हें घरेलु उद्योग से जोड़ा जाएं, उनका प्रचार और प्रसार कैसे किया जाएं, इस सब की जिम्मेदारी प्रदेश के सभी लोगों पर आ गई है। यह किसी एक व्यक्ति का काम नहीं है ना ही किसी एक  ही व्यक्ति को मिलने वाला लाभ है। इससे प्रदेश में जहाँ पर्यटन उद्योग का नया माहौल बनेगा वहीं, वह विकास के रास्ते पर और तेजी से आगे बढ़ेगा। 

यहां आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि यह होगा कैसे ? लोगों को खासकर युवाओं को इस पर्यटन व्यवसाय से कैसे जोड़ा जा सकेगा ? सवाल लाज़मी है और ऐसे सवाल होने भी चाहिए। इसके लिए सबसे पहले प्रदेश के युवाओं को सभी प्राकृतिक, पौराण्विक और पर्यटन महत्व के स्थलों का भ्रमण कर उसकी पूरी जानकारी एकत्रित करनी होगी और ऐसे स्थलों को नए सिरे से किस प्रकार विकसित कर उन्हें उद्योगों का रूप दिया जाए। इसके लिए उन्हें अपना एक विज़न पेपर तैयार कर सरकार से बात करनी होगी। सरकार युवाओं के इस काम का स्वागत करने के लिए तैयार है। 

हरियाणा प्रदेश के हर जिले, गांव, ढाणी में ऐसे कई पर्यटन, प्राकृतिक और पौराण्विक महत्व के स्थल हैं जो हमारी आस्था के भी केंद्र हैं, जो हमारे घरेलु पर्यटन स्थल को परिभाषित करते हैं। जिनसे हमारा खान-पान, पहनावा, हमारी एकता-भाईचारा, हमारा रहन-सहन, संस्कृति सब जुड़ा हुआ है। हम इसकी उपेक्षा नहीं कर सकते। हमारे प्रदेश के युवाओं पर पूरे भारत के साथ-साथ विश्व भर के देशों की नज़र है। हमारे यह युवा आज अपनी मेहनत, लगन से हर क्षेत्र में कमाल कर रहे हैं - धमाल कर रहे हैं। खासकर खेलों में तो हमारे यहां के युवाओं ने तहलका मचा रखा है। यहां मैं प्रदेश की आधी आबादी यानी लड़कियों की तारीफ करने से खुद को बिल्कुल भी नहीं रोकूंगा। जो प्रदेश की शान बढ़ाने में बराबर से लगी हुई हैं। चाहे क्षेत्र अंतरिक्ष का हो या जमीन का या युद्ध का, जिसके कारण दक्षिण हरियाणा को तो सैनिकों की नर्सरी तक कहा जाता है। यह हमारे हरियाणा का कमाल है। हरियाणा में जिस प्रकार पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है उसमें मैं यहां के गबरू जवानों की भी चर्चा करना जरुरी समझता हूँ। हमें ऐसे गबरू जवानों की ब्रांडिंग को पर्यटन व्यवसाय से जोड़ना चाहिए। पूरा देश आज यह जानना चाहता है कि हरियाणा की मिट्टी में ऐसी क्या खास बात है जिससे यहां के युवाओं की गबरू जवानों की इमेज बन गई है।  जो अन्य प्रदेशों में देखने को नहीं मिलती। निश्चित रूप से यह हरियाणा के देशी खान-पान का कमाल है। हम प्रदेश के खान-पान, पहनावे, नृत्य-संगीत, रागनी, लोक कलाकारों को अपने प्रयासों से विश्वभर में प्रचारित और प्रसारित कर हरियाणा के पर्यटन उद्योग को मज़बूती दे सकते है। मैं विश्वास करता हूँ कि आप और हम यह जरूर करेंगे।

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