Monday 31 October 2016

हम कामना करें म्हारा हरियाणा आगे बढ़े और बढ़ता ही जाए....


आज हरियाणा स्थापना के 50 साल पूरे हो रहे हैं। इन 50 सालों में हरियाणा ने कई उतार - चढ़ाव देखे हैं। आगे बढ़ने के तो कई मामलों में पीछे रह जाने के। जिनकी चर्चा हम आगे करेंगे। आज का यह दिन हरियाणवी होने का गर्व करने व हरियाणा को और आगे ले जाने का दिन है। ख़ुशी मनाने का दिन है। दिन इस बात का भी मनन करने का है कि हम हरियाणा को और बेहतर कैसे बना सकते हैं। उस स्थिति में जब कि हरियाणा ने वैश्विक स्तर पर लगभग प्रत्येक क्षेत्र में अव्वल रहने की अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। फिर चाहे वह क्षेत्र खेल का हो, शिक्षा का हो, विज्ञानं का हो, अंतरिक्ष का हो, उद्योग का हो। सभी में हरियाणा ने देश का परचम फहराया है। अपनी शुरुआत से ही हरियाणा मेहनतकश लोगों का प्रतिनिधित्व करता आया है। कृषि इस क्षेत्र की रीढ़ है तो कल कारखाने हरियाणा के विकास का चमकता हुआ चेहरा है। ऐसे में इस हरियाणा पर किसको गर्व नहीं होगा और कोई क्यों हरियाणा में नहीं रहना चाहेगा ? यहां के गबरू जवानों और पहलवानों की दुनिया भर में मिसाल दी जाती है। "देसां म्ह देस हरियाणा - जित  दूध -दही का खाणा" इस प्रदेश की पहचान है। देश की सीमा पर खड़ा लगभग हर दसवां जवान हरियाणा से है। हरियाणा का प्रमुख शहर गुरुग्राम आज अपने विकास और दुनियाभर की सभी प्रमुख आईटी कंपनियों का मुख्यालय होने के कारण लघु भारत का रूप ले चूका है। गुरुग्राम ही वह शहर है जहाँ दिल्ली के बाद मेट्रो ने सबसे पहले दस्तक दी है। यहाँ की लाइफस्टाइल और विकास की बन रही योजनाएं प्रदेश के अन्य सभी छोटे-बड़े शहरों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है। हरियाणा कई वर्षों बाद आज इस बात पर गर्व कर सकता है कि उसे भारतीय जनता पार्टी की टिकाऊ सरकार मिली है। ऐसा प्रदेश की जनता का भारतीय जनता पार्टी की रीति-नीति में अपने भरोसे के निवेश के चलते हो पाया है। हरियाणा आज आयाराम गयाराम की राजनीति को अलविदा कह चूका है जो कभी इस प्रदेश की राजनीति की पहचान हो गई थी। यहाँ यह कहना भी जरुरी हो जाता है कि कृषि प्रधान प्रदेश होने और सिर्फ दूध और बासमती चावल ही पैदा नहीं करता बल्कि देश में बनने वाली हर दूसरी कार हरियाणा में बनती है। देश का हर तीसरा टू व्हीलर और हर दूसरी क्रेन हरियाणा में बनती है। गुरुग्राम की आईटी, फरीदाबाद की लाइट इंजीनियरिंग, पानीपत के हैंडलूम, कम्बल, अम्बाला की साइंस उपकरण इंडस्ट्री और करनाल की डेयरी इंडस्ट्री इस प्रदेश की प्रमुख पहचान बताती है। इससे आगे थोड़ा सा हम सोचे तो "देसां म्ह देस हरियाणा - जित दूध दही का खाणा" जैसी पुरानी कहावत को बदलकर हरियाणा आज "देसां म्ह देस हरियाणा - जहाँ कदम-कदम पर कारखाना" में तब्दील हो रहा है। जिसके चलते आज दुनिया भर के देश हरियाणा में करोड़ों-अरबों रूपये का निवेश करने आ रहे हैं। जिससे हरियाणा देश का सबसे विकसित प्रदेश बन गया है। यही कारण है कि कृषि, खेल, आईटी, इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक निवेश में नई ऊंचाइयों को छूकर 50 साल में हरियाणा जवान हो गया है। खेल में क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय पहचान और एनसीआर में आईटी कंपनियों की विकास की रफ़्तार से प्रदेश ने नई उड़ान भरी है। कृषि डेयरी क्षेत्र की उपलब्धियां और राज्य में निवेशकों के रूझान ने नई ऊर्जा का संचार किया है। हरियाणा के पास आज गर्व करने के लिए सब कुछ है। जिनका नाम और उल्लेख करना शुरू करे तो लिखने को पन्ने कम पड़ जाएंगे। यह ऋषि मुनियों का प्रदेश है, पानीपत का युद्ध इसी प्रदेश में हुआ तो गीता का ज्ञान भगवान् श्री कृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र में दिया। महर्षि ऋषि की तपोभूमि इसी प्रदेश के नारनौल क्षेत्र में स्थित ढोसी के पहाड़ पर है। लेकिन इन सब उपलब्धियों पर गर्व करने के बावज़ूद हम जब महिलाओं और बच्चियों की स्थिति की ओर देखते है तो हमें इस क्षेत्र में बहुत अधिक काम करने की जरुरत है। फिर चाहे मामला उनको जन्म देने का हो, शिक्षा का हो, स्वास्थ्य का हो या उनके जीवन यापन का। हमें सभी क्षेत्रों में अधिक से अधिक काम करने की जरुरत है। मेरा यह स्पष्ट मानना है कि कोई भी देश हो या प्रदेश बिना आधी आबादी को साथ लिए आगे नहीं बढ़ सकता। ऐसे में आज एक नवंबर हरियाणा का दिन है। दिवस है। जिसे मनाने के लिए देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी सहित अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्री और भी बहुत अतिथि हरियाणा के गुरुग्राम में आ रहे हैं। इस अवसर पर सभी का स्वागत है, सत्कार है। 

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