Sunday 5 February 2017

ग्रामीण विकास के लिए सरकार की नीति और कार्यकर्मों से जुड़ें


हमेशा यह एक सवाल बना रहता है कि खासकर गांवों की समस्याओं के समाधान और विकास के लिए मिलने वाले बजट का सदुपयोग नहीं हो पाता है. जिससे आज भी हमारी गाँव की समस्याएं और विकास के संबंध में कोई खास फर्क दिखाई नहीं देता है. कह सकते हैं कि समस्याएं जस की तस बनी रहती है. बावज़ूद इसके कि सरकारें बदल जाती है, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बदल जाते हैं, सरपंच बदल जाते हैं, पंच बदल जाते हैं. आखिर क्या कारण है ? इस कारण को जब तक हम नहीं जानेंगे, समाधान की ओर नहीं बढ़ पाएंगे. इसके लिए जरुरी है कि हम केंद्र और राज्य सरकार के बजट को समझें. योजनाओं को समझें. कार्यक्रमों को समझें और अब तो अच्छी बात यह हुई है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला परिषदों को भी अपना बजट पेश करने का अधिकार दे दिया है. यह मान लीजिए कि अगर हमें गांवों की समस्याओं का समाधान करना है, सर्वांगींण विकास कर उन्हें बदलाव के रास्ते पर आगे लेकर जाना है तो हमें नीतियों से कार्यक्रमों से जुड़ना होगा. न सिर्फ जुड़ना होगा बल्कि उन्हें प्रत्येक ग्रामीण जन को भी बताना होगा. जिससे वे यह जान सकें कि उनके गाँव में क्या नया होने जा रहा है. जब यह काम गाँव का मुखिया, पंच, सरपंच या अन्य जनप्रतिनिधि नहीं करता है तो फिर यह जिम्मेदारी सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ता की बन जाती है. आज केंद्र में और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकारें हैं. जिन्होंने गांवों की समस्या का समाधान कर उन्हें विकास के रास्ते पर आगे लाने का काम हाथ में लिया है. जिससे गांवों में बदलाव होता दिखाई दे रहा है लेकिन हमें इतने भर से संतुष्ट होकर नहीं बैठ जाना है. भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता जो गांवों में बूथ स्तर तक का काम संभाले हुए हैं वे इस काम में अपनी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, जिससे लोगों के बीच संगठन का प्रचार-प्रसार होगा, मजबूती मिलेगी वहीँ सरकार की विकासपरक योजनाएं और समस्याओं के समाधान के कार्यक्रम अपने उद्देश्य तक भी पहुंचेंगे. चाहे वह बिजली, पानी, सड़क, सीवर का काम हो, स्कूल, अस्पतालों का काम हो, युवाओं के रोज़गार संबंधी मसले हो, परिवहन की दिक्कत हो, सभी में काम होता दिखाई देगा. सम्बंधित अधिकारी और कर्मचारी काम के लिए प्रेरित होंगे. यह कार्यकर्ताओं की सज़गता और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा से होता है. जिससे सरकार की भी काम करने की दृढ़ इच्छाशक्ति पैदा होती है. चूंकि भारत आज नौजवानों का देश बन रहा है. गांवों में भी असंख्य नौजवान आगे बढ़ने के सपने देख रहे हैं. लेकिन उन्हें उन सपनों को पूरा करने वाला सहकर्मी नहीं मिल रहा. भारतीय जनता युवा मोर्चा ऐसे युवाओं के लिए ही काम कर रहा है. ऐसे युवाओं से मोर्चा के कार्यकर्ता संवाद बनाएंगे, उनसे जुड़ेंगे तो संगठन की ताकत और काम करने की इच्छाशक्ति बढ़ती चली जाएगी, साथ ही संगठन को नए से नए काम करने के नए जुड़ने वाले युवाओं से आईडिया मिलेगा, विज़न मिलेगा. मोर्चा को यही चाहिए. यूं तो सरकार ने सांसद आदर्श ग्राम योजना मुख्य रूप से चला रखी है और सबसे बड़ी बात आज हरियाणा प्रदेश की हर पंचायत शिक्षित है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में जितना काम होगा, उतनी ही सरकार की योजनाएं पूरी होंगी. उनके लिए निर्धारित बजट खर्च होगा. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान जैसी महत्वपूर्ण और उपयोगी योजनाओं पर और तेजी से काम होना शुरू होगा. इसमें कोई शक नहीं कि हाल ही में गुरुग्राम में हुए हरियाणा प्रवासी दिवस समारोह और इससे पहले पिछले वर्ष हुए हैपनिंग हरियाणा कार्यक्रम के जरिए गांवों के विकास में निवेश करने का भी सरकार को एक नया रास्ता और विज़न मिला है. ऐसे में समस्याओं के समाधान और विकास के काम में सरकार का बजट खर्च हो, जिससे ग्रामीण जन लाभान्वित हो सकें, गाँव, देश और समाज के विकास की मुख्यधारा में आ सकें. जिसमें गांवों में रह रहे वृद्धजनों की हर प्रकार की देखभाल और उन्हें मिलने वृद्धावस्था पेंशन योजना उन तक पहुँच जाएं. 

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